November 9, 2024
Chandra Grahan Kab Lagega

Chandra Grahan Kab Lagega 2023-2024 Dates

Chandra Grahan Kab Lagega 2023-2024 : जल्द ही हमारे आसमान में एक दुर्लभ खगोलीय घटना दिखाई देगी – 2023 का आखिरी चंद्र ग्रहण। यह खगोलीय घटना भारत में दिखाई देगी, और हम आपको इस चंद्र ग्रहण के वैज्ञानिक पहलुओं और देखने के समय की सभी जानकारी लेकर आए हैं।

Washington:आगामी खगोलीय घटना के लिए सजग रहें। वर्ष 2023 ने हमें चार अद्भुत ग्रहणों का अनुभव कराया है, जिनमें से दो सूर्य ग्रहण और दो चंद्र ग्रहण शामिल हैं। इनमें से तीन पहले ही हो चुके हैं, और अब चौथा और अंतिम ग्रहण, जो एक चंद्र ग्रहण है, 28 अक्टूबर को होने जा रहा है। यह ग्रहण पृथ्वी के विशाल हिस्से में देखा जा सकेगा। हम आपको इस चंद्र ग्रहण की पूरी जानकारी प्रदान करेंगे।

28 अक्टूबर का यह चंद्र ग्रहण आंशिक होगा, जिसमें चंद्रमा का केवल एक छोटा हिस्सा पृथ्वी की छाया से ढका हुआ नजर आएगा। इस आंशिक ग्रहण को देखने पर ऐसा प्रतीत होगा मानो चंद्रमा का एक भाग किसी ने काट दिया हो।

चंद्र ग्रहण की प्रक्रिया को समझने से पहले जान लें कि ग्रहण क्या होता है। जब तीन खगोलीय पिंड – सूर्य, पृथ्वी, और चंद्रमा – एक सीधी रेखा में आते हैं और इनमें से एक पिंड दूसरे पर प्रकाश पहुंचने से रोकता है, तो वह ग्रहण कहलाता है। चंद्र ग्रहण तब होता है जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है, जिससे पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ती है। इस दौरान पृथ्वी की छाया के दो प्रकार होते हैं – उम्ब्रा, जो अधिक गहरी छाया होती है, और पेनुम्ब्रा, जो हल्की छाया होती है।

भारत में अगला चंद्र ग्रहण कब है?

भारत में आगामी चंद्र ग्रहण का अवलोकन एक अद्भुत खगोलीय अनुभव होगा। यह ग्रहण उन सभी क्षेत्रों में दिखाई देगा जहां चंद्रमा क्षितिज के ऊपर होगा, जिसमें एशिया, रूस, अफ्रीका, अमेरिका, यूरोप, और अंटार्कटिका शामिल हैं। नई दिल्ली से देखा जाए तो यह ग्रहण दक्षिण-पश्चिम आकाश में, क्षितिज से लगभग 62° डिग्री की ऊंचाई पर दिखाई देगा।

यह चंद्र ग्रहण 28-29 अक्टूबर की रात को होगा। विशेष रूप से, 28 अक्टूबर की रात 11:31 बजे से इसकी शुरुआत होगी और यह 29 अक्टूबर की सुबह 3:36 बजे तक चलेगा। इस ग्रहण का सबसे अधिक प्रभावशाली दृश्य 29 अक्टूबर को सुबह 1:45 बजे होगा, जब यह अपने चरम पर होगा। इस समय इसे देखना विशेष रूप से अद्भुत होगा। इस अवसर पर चंद्रमा का नजारा देखने के लिए खगोल प्रेमियों का उत्साह चरम पर होगा।

चंद्र ग्रहण की समझ: चंद्र ग्रहण तब होता है जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है, जिससे उसकी छाया चंद्रमा पर पड़ती है। पृथ्वी द्वारा बनाई गई दो प्रकार की छायाएँ होती हैं – पेनुम्ब्रा (आंशिक छाया) और उम्ब्रा (पूर्ण छाया)। आगामी 28-29 अक्टूबर का ग्रहण आंशिक होगा, जिसमें चंद्रमा पृथ्वी की छाया के उत्तरी किनारे से गुजरेगा, जिससे लगेगा कि चंद्रमा का एक हिस्सा कट गया है।

भारत में दृश्यता: यह ग्रहण उन क्षेत्रों में दिखाई देगा जहां चंद्रमा क्षितिज से ऊपर है, जिसमें एशिया, रूस, अफ्रीका, अमेरिका, यूरोप, और अंटार्कटिका शामिल हैं। नई दिल्ली से यह दक्षिण-पश्चिम आकाश में क्षितिज से 62° डिग्री ऊपर स्थित होगा। ग्रहण 28 अक्टूबर की रात 11:31 बजे शुरू होगा और 29 अक्टूबर की सुबह 3:36 बजे समाप्त होगा। ग्रहण का चरम 29 अक्टूबर को 1:45 बजे होगा।

चंद्र ग्रहण से जुड़े सवाल

चंद्र ग्रहण क्या है?

चंद्र ग्रहण तब होता है जब पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा एक सीधी रेखा में आते हैं, और पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ती है।

चंद्र ग्रहण कितने प्रकार के होते हैं?

तीन प्रकार के चंद्र ग्रहण होते हैं: पूर्ण चंद्र ग्रहण, आंशिक चंद्र ग्रहण, और पेनुम्ब्रल (उपछाया) चंद्र ग्रहण।

चंद्र ग्रहण कब होता है?

चंद्र ग्रहण तब होता है जब पूर्णिमा के दौरान पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ती है।

क्या चंद्र ग्रहण देखना सुरक्षित है?

हां, चंद्र ग्रहण को सीधे देखना पूरी तरह से सुरक्षित है। इसके लिए किसी विशेष चश्मे की आवश्यकता नहीं होती।

चंद्र ग्रहण कितनी देर तक रहता है?

चंद्र ग्रहण की अवधि विभिन्न कारकों पर निर्भर करती है, लेकिन यह आमतौर पर कुछ घंटों तक रह सकता है।

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