ईपीओएस बिहार 2023: अब बिहार राज्य में ईपीओएस मशीन के माध्यम से राशन का वितरण किया जाएगा। इससे सरकारी दुकानों पर लगी ईपीओएस मशीन जनवितरण प्रणाली को पारदर्शी बनाएगी और डीलरों और लाभार्थियों को सुविधा प्रदान करेगी।
बिहार में ईपीओएस मशीन के बारे में जिला से लेकर पंचायत स्तर तक जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। अगर किसी कारणवश ईपीओएस मशीन खराब हो जाती है या इंटरनेट नेटवर्क में समस्या होती है, तो भी किसी भी लाभार्थी को राशन देने से रोका नहीं जा सकता। ऐसे मामले में, डीलर लाभार्थी के आधार विवरण को अलग से संग्रहीत पंजी में दर्ज करके उसे राशन वितरण किया जा सकता है। किसी भी लाभार्थी को राशन वापस नहीं किया जाएगा।
बिहार की सभी पीडीएस दुकानों में लगी EPOS Machine
बिहार राज्य के सभी सरकारी दुकानों में ईपीओएस मशीन लगी हुई है, जिसके माध्यम से राशन का वितरण केवल उन लोगों को होगा जिनके आधार और मोबाइल नंबर ईपीओएस मशीन के साथ संबंधित हैं। बिहार में ईपीओएस बिहार गव इन (epos.bihar.gov.in) पोर्टल के माध्यम से भी ईपीओएस मशीन के बारे में जानकारी प्राप्त की जा सकती है। यह मशीन 2017 में नालंदा जिले के नुरसराय प्रखंड में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में प्रारंभ की गई थी। ईपीओएस मशीन के माध्यम से डीलर की निरीक्षण और स्टॉक की जानकारी प्राप्त की जा सकती है और इसे भौतिक रूप से भंडार से मिलाने के लिए सत्यापित किया जा सकता है। इस प्रणाली के तहत, यदि किसी लाभार्थी को तकनीकी समस्या होती है, तो उसका समाधान जिला स्तर पर राष्ट्रीय सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी केंद्र के माध्यम से किया जाएगा।
ईपीओएस मशीन के माध्यम से अब राशन सरकारी दुकानों से ही वितरित होगा। इस मशीन के तहत, राशन का वितरण केवल कार्डधारक के अंगूठे के मिलान से होगा। इसलिए, सभी कार्डधारकों को अपना आधार कार्ड और मोबाइल नंबर अपने राशन डीलर को उपलब्ध कराना होगा। अन्यथा, आपको राशन नहीं मिलेगा।
बिहार सरकार ने राशन की बाजारी रोकने के लिए ईपीओएस प्रणाली को लागू किया है। इससे सरकारी अनाज के वितरण में हुई गड़बड़ी को सफलतापूर्वक रोका गया है। बिहार राज्य में ईपीओएस मशीन के द्वारा राशन का वितरण पहले पीछे था, लेकिन अब बिहार आगे बढ़ चुका है। सभी सरकारी दुकानों में ईपीओएस मशीन स्थापित हो चुकी है, जिससे 81% कार्डधारकों को अनाज उपलब्ध हो रहा है। और 86% कार्डधारकों का आधार कार्ड ईपीओएस मशीन से जुड़ चुका है। शेष 16% कार्डधारकों के लिए आधार सीडिंग के लिए एक अभियान शुरू किया गया है।
EPOS Machine लगाने के बाद, कार्डधारक का आधार कार्ड मशीन से लिंक हो जाने के बाद, कार्डधारक बिना अंगूठा लगाए राशन नहीं ले पाएगा। जब भी लाभार्थी जनवितरण प्रणाली की दुकान पर जाएगा, उसे अंगूठा लगाना होगा। जब उसके अंगूठे की पहचान हो जाती है, तब उसे राशन दिया जाएगा। और जैसे ही राशन की आपूर्ति मशीन के माध्यम से की जाएगी, इसकी सूचना मुख्यालय तक पहुंचेगी। यदि कोई मशीन में गड़बड़ी हो जाती है, तब मैनुअल व्यवस्था लागू होगी। इस व्यवस्था से कालाबाजारी को पूरी तरह से बंद किया जा सकता है और मुख्यालय और अधिकारियों को हर घंटे लाभार्थियों को कितना आनाज मिला इसकी पूरी जानकारी मिलती रहेगी।
बिहार में 55,312 सरकारी राशन की दुकानें हैं, जिनमें से 46,600 दुकानें कार्यरत हैं और 1.65 करोड़ पीडीएस लाभार्थी हैं।
ईपीओएस बिहार राज्य में सभी पीडीएस दुकानों में लगा हुआ है। इस मशीन में आधार सीडिंग की व्यवस्था होती है और लाभार्थियों की पहचान की सत्यापन भी होती है।
Conclusion
इस पोस्ट में आपको EPOS Bihar से संबंधित सभी जानकारी प्रदान की गई है। EPOS Machine क्या है, यह कैसे काम करता है, उसकी सभी विवरण यहां पर विस्तार से दिए गए हैं।